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बिटकॉइन क्या होता है? इतिहास, फायदे और नुकसान | What is Bitcoin in Hindi

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आजकल हर जगह क्रिप्टोकरेंसी बहुत ज्यादा चर्चा में है और दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टो बिटकॉइन (Bitcoin) है, जिसकी कीमत सिर्फ 10 सालों में ही जीरो से 50 लाख रुपए तक बढ़ गई थी। हालांकि अब यह फिर से घटकर 31 लाख के आसपास पहुंच गई। आपको बता दें कि साल 2010 में बिटकॉइन की कीमत $1 से भी कम थी, लेकीन आज 1 बिटकॉइन की कीमत 30 लाख रुपए से ज्यादा है मतलब अगर उस वक्त किसी ने 3 बिटकॉइन खरीदे होते तो आज करोड़पति बन गया होता।

बिटकॉइन की कीमतों में उछाल एक बड़े निवेश से आया है, यह निवेश दुनिया के सबसे दौलतमंद कंपनियों में से एक टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने किया है। जिसके बाद टेस्ला ने पेमेंट भी बिटकॉइन में लेना शुरू कर दिया, जिससे लोगों को इस पर और भरोसा होने लगा।

बिटकॉइन क्या होता है?

बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी होती है, यह बाकी सभी करेंसी जैसे डॉलर और रुपया से बिल्कुल अलग होती है। क्योंकि बिटकॉइन को हम ना तो देख सकते हो ना ही उसे पैसों की तरह छू सकते हैं। हालांकि बिटकॉइन से हम जब चाहे तब कुछ भी खरीद सकते हैं, दो लोगों के बीच में एक्सचेंज कर सकते हैं। हर व्यक्ति जिसके पास बिटकॉइन होता है वो सिर्फ ऑनलाइन वॉलेट में उसको स्टोर करके रख सकता है।

बिटकॉइन बैंकिंग सिस्टम से बिल्कुल अलग है जैसे रुपए को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया मॉनिटर करता है, डॉलर को अमेरिका का सेंट्रल बैंक मॉनिटर करता है, लेकिन बिटकॉइन को कोई मॉनिटर नहीं करता। यह किसी देश बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के अंदर नहीं आता, साधारण भाषा में कहे तो इसका कोई मलिक नहीं होता है, इसे जो लोग खरीदकर अपने पास रख लेते है वही इसके मालिक बन जाते है।

बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई

31 अक्टूबर 2008 को सतोषी नाकामोटो ने इंटरनेट पर एक आर्टिकल पब्लिश किया था, जिसकी पहले लाइन में लिखा था कि “A Version of electronic cash that would allow payments sent to the Directly one party to another Party without going to financial institute.” जिसका उद्देश्य था की कोई ऐसा इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम बनाया जाए जिससे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक ट्रांजैक्शन बिना किसी रुकावट और बिना किसी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के दखल के किया जाए।

फिर 2009 में इसकी शुरुआत हुई, शुरू में इसकी कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं थी लेकीन जैसे-जैसे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई इसकी डिमांड भी बढ़ गई और साथ ही इसकी कीमतों में भी उछाल आया। और आज के समय एक बिटकॉइन की कीमत तीस लाख रुपये से ऊपर है. 2008 में बिटकॉइन सिर्फ एक इंसान का आइडिया था लेकिन आज इसमें लाखों करोड़ की ट्रेडिंग होती है।

बिटकॉइन के फायदे

शुरुआती दौर में सिर्फ कुछ ही कंपनी थी जो बिटकॉइन को पेमेंट के रूप में स्वीकार कर रही थी, मगर पिछले कुछ सालों से बहुत से इंडस्ट्रियल सेक्टर और हजारों वेबसाइट कंपनियां हैं जो की बिटकॉइन को स्वीकार कर रही हैं। प्लेन की टिकट, होटल रूम, इलेक्ट्रॉनिक कार, कॉफी और किसी अन्य चीजों के लिए भी बिटकॉइन से पेमेंट हो रहा है।

ट्रांजैक्शन के फायदे

आम डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में लगभग 2 से 3% लेनदेन शुल्क लगता है लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता इस वजह से यह लोकप्रिय होता जा रहा है

इसके अलावा यह सुरक्षित और तेज भी है जिससे लोग बिटकॉइन्स स्वीकार करने की तरफ खींचे जा रहे हैं किसी अन्य क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती और ना ही कोई नगड़ी लेकर घूमने की समस्या है। खरीदार की पहचान का खुलासा किये बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेनदेन के बारे में पता किया जा सकता है।

ये एकदम सुरक्षित और फास्ट होता है और इसे दुनिया में कहीं भी प्रयोग किया जा सकता है और इससे खर्च की कोई सीमा भी नहीं होती। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आप भारत में रह रहे हैं आपको अमेरिका में अपने किसी रिलेटीव को 20 लाख रुपये भारत से भेजने है, ऐसे में अगर आप बैंक या वेस्टर्न यूनियन के इस्तेमाल करके पैसे भेजेंगे तो आपको बहुत ज्यादा कमीशन देना पड़ जाएगा और पैसे पहुंचने में 24 से 48 घंटे का वक्त लगेगा। लेकिन अगर आप बिटकॉइन का इस्तेमाल करेंगे तो मात्र 10 मिनट का वक्त लगेगा और इतना ज्यादा चार्ज भी नहीं कटेगा।

निवेश के फायदे

आज बिटकॉइन पर लाखों करोड़ की ट्रेडिंग हो रही है, इसलिए इसे इन्वेस्टमेंट के लिए इस्तेमाल करना भी सही है। और साथ ही साथ ये काफी सुरक्षित भी रहता है क्योंकि बिटकॉइन किसी सरकार या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के अंतर्गत कार्य नहीं करता, इसलिए यहां आपके निवेश का कोई दुरुपयोग नहीं होता। बैंक में रखा हमारा पैसा बैंक अपने मुताबिक आपके पैसों से व्यापार कर सकते हैं यानी की आप अपनी पैसों को बैंक को देकर उसे मनचाहे तरीके से प्रयोग करने की छूट देते हैं।

बैंक इसी पैसे से कंपनी और इंडिविजुअल को लोन कै रुप में देते हैं। जिससे फायदा होने पर बैंक्स हमें ब्याज भी देते हैं कई बार ये लोन डुब भी जाते है या एनपीएस बन जाते है, उसका सीधा शिकार हम जैसे डिपॉजिटर बनते हैं। हाल ही के सालों में हमने देखा है कुछ बैंक्स जैसे की यस बैंक, पीएमसी बैंक्स, लक्ष्मी विलास बैंक पुरी तरह से फेल हो गए थे जिसमें नुकसान सिर्फ हम जैसे गरीब इन्वेस्टर्स को हुआ था, इसलिए हम का सकते हैं इन्वेस्टमेंट के लिए बिटकॉइन सही है।

पैसों का अधिकार

आपको याद होगा नवंबर 2016 जब सरकार ने अचानक से नोटबंदी करके पूरे देश की जनता को हैरान कर दिया था। आपको बता दें 500 और 1000 के नोट की नोटबंदी होने से देश की 86% करेंसी बेकार हो गई थी, जिससे आम जनता को बहुत परेशानियां का सामना करना। इसलिए जो लोग बिटकॉइन के सपोर्ट में है उनका मानना की हमारे पैसों पर सरकार का इतना कंट्रोल नहीं होना चाहिए। हमारे पैसों पर हमारा अधिकार होना चाहिए, इसलिए वह लोग बिटकॉइन को सपोर्ट करते हैं जो किसी भी सरकार के अंतर्गत नहीं आता ।

बिटकॉइन के नुकसान

जब बिटकॉइन के इतने सारे फायदे है तो जाहिर सी बात है इसके नुकसान भी होंगे। वैसे तो बिटकॉइन और बाकी सभी तकनीक लोगों के फायदे के लिए और उनकी जिंदगी आसान बनाने के लिए बनाई जाती है, लेकीन कुछ गलत लोग हर चीज का गलत इस्तेमाल करने लग जाते है। इसी प्रकार बिटकॉइन के भी कुछ नुकसान है।

लेनदेन में ज्यादा समय लगना

बिटकॉइन का इस्तेमाल ज्यादातर इन्वेस्टमेंट परपज के लिए किया जाता है और हाय ट्रांजैक्शन के लिए किया जाता है, जिसकी दूरी भी ज्यादा हो मतलब एक देश से दूसरे देश इसको डेली ट्रांजैक्शन में इस्तेमाल करना मुश्किल होता है। क्योंकि ट्रांजैक्शन को वेरीफाई करने में इसे तकरीबन 10 मिनट का वक्त लग जाता है जो की बहुत ज्यादा होता है।

मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल होना

नंबर दो बिटकॉइन का ट्रांजैक्शंस एक तरीके से इंक्रिप्टेड होता है, उसे गवर्नमेंट एजेंसीज के लिए ट्रैक करना आसान नहीं होता इसलिए इससे मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामले बढ़ने लगे और बहुत से ड्रग और हथियार डीलर भी अब बिटकॉइन में पेमेंट लेने लगे है।

कीमत में ज्यादा उतार चढाव होना

बिटकॉइन को कंट्रोल करने के लिए कोई अथॉरिटी बैंक या सरकार नहीं है तो इस वजह से बिटकॉइन का कीमत में काफी उतार चड्ढा होता है। तो ये थोड़ा सा जोखिम भरा होता है इसलिए इसमें निवेश से पहले इसके बारे में अच्छे से जान ले।

रिकवरी का कंट्रौल ना होना

अगर आपका काउंट कभी हैक हो जाता है तो आप अपने सारे बिटकॉइन्स खो देंगे उन्हें दोबारा वापस नहीं पा पाएंगे और ना ही इसमें कोई आपकी मदद कर पाएगा। क्योंकि कोई भी सरकारी या गैर सरकारी संगठन इसका जिम्मेदार नहीं है बिटकॉइन से जुड़े हैकिंग के कई कैस भी देखने को मिल चुके हैं।

बिटकॉइन वॉलेट क्या है?

बिटकॉइन को हम सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक के लिए स्टोर करके रख सकते हैं और इसे रखने के लिए बिटकॉइन वॉलेट की जरूरत होती है बिटकॉइन वॉलेट्स बहुत इस प्रकार के होते हैं जैसे डेस्कटॉप वॉलेट, मोबाइल वॉलेट, ऑनलाइन वेब बेस्ड वॉलेट, हार्डवेयर वॉलेट. इनमें से किसी भी एक वॉलेट का इस्तेमाल करके हमें इसमें अकाउंट बनाना होता है और फिर वहीं पर हमारे बिटकॉइन स्टोर होती है.

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